MOHINI VASHIKARAN MANTRA

हथेली में हनुमंत बसे, भेरू बसे कमार।
नरसिंह की मोहिनी, मोहे सब संसार।
मोहन रे मोहन्ता वीर, सब वीरन में तेरा सीर। सबकी नज+र बांध दे, तेल सिंदूर चढ़ाऊ तुझे। तेल सिंदूर कहां से आया, कैलास पर्वत से आया। कौन लाया, अंजनी का हनुमंत, गौरी का गणेश लाया। काला गोरा तोतला तीनो बसे कपार। बिन्दा तेल सिंदूर का, दुश्मन गया पाताल। दुहाई कामिया सिंदूर की, हमे देख शीतल हो जाये। सत्य नाम, आदेश गुरु की, संत गुरु संत कबीर।

कामीया सिंदूर’ पाया जाता है। इसे लगातार सात रविवार तक उक्त मंत्र का १०८ बार जाप कर मंत्र को सिद्व कर लें। प्रयोग के समय कामीया सिंदूर पर ७ बार उक्त मंत्र पढकर अपने माथे पर टीका लगायें। टीका लगाकर जहां जायेंगें, सभी वशीभूत होते जायेंगें।